हरियाणा में चर्चा का विषय बनी ये शादी! दादा-दादी ने पोती का धूमधाम से निकाला बनवारा, घोड़ी पर बैठाकर निकाली शाही सवारी
नेहा के दादा, फूलचंद चौधरी जो खनन विभाग से सेवानिवृत्त हैं, ने बताया कि लड़का-लड़की में अब कोई भेदभाव नहीं रहना चाहिए। उन्होंने समाज में बदलाव का संदेश देने के लिए यह कदम उठाया। उनके अनुसार “हमने हमेशा अपनी पोती को बेटे जैसा प्यार दिया। यह बनवारा हमारी भावनाओं का प्रतीक है।”
नारनौल (हरियाणा) में दादा-दादी ने अपनी पोती की शादी से पहले ऐसा बनवारा निकाला जिसे देखकर पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। 19 वर्षीय नेहा चौधरी जो 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है को दुल्हे की तरह सजाकर घोड़ी पर बैठाया गया। ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुन पर गांववालों और रिश्तेदारों ने जमकर डांस किया। यह अनोखा बनवारा जमालपुर मोहल्ले में चर्चा का विषय बन गया है। नेहा चौधरी की शादी 29 नवंबर को दादरी निवासी जतिन से होने वाली है जो हरियाणा बिजली वितरण निगम में कार्यरत हैं।
लड़का-लड़की में भेदभाव मिटाने का संदेश
नेहा के दादा, फूलचंद चौधरी जो खनन विभाग से सेवानिवृत्त हैं, ने बताया कि लड़का-लड़की में अब कोई भेदभाव नहीं रहना चाहिए। उन्होंने समाज में बदलाव का संदेश देने के लिए यह कदम उठाया। उनके अनुसार “हमने हमेशा अपनी पोती को बेटे जैसा प्यार दिया। यह बनवारा हमारी भावनाओं का प्रतीक है।” नेहा की दादी नीलम ने भी इस खास मौके पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्होंने नेहा की हर जरूरत को पूरा किया और उसे कभी मां की कमी महसूस नहीं होने दी।
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दादा-दादी का साथ और पिता का समर्थन
नेहा के पिता राजवीर सिंह जो एक फाइनेंस कंपनी में कार्यरत हैं, ने बताया कि तलाक के बाद नेहा दादा-दादी के साथ रहने लगी थी। उन्होंने कहा, “नेहा को दादा-दादी ने बड़े लाड-प्यार से पाला। उनकी परवरिश की वजह से ही आज नेहा इतनी आत्मनिर्भर और खुशमिजाज है।” नेहा ने बताया कि दादा-दादी ने उसे पढ़ाई के लिए हमेशा प्रेरित किया। “उन्होंने मेरी हर मुश्किल में मेरा साथ दिया। मैं जो कुछ भी हूं उनके कारण हूं,” नेहा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा।
बनवारा की खास झलकियां
नेहा को दुल्हन की बजाय दुल्हे की तरह सजाया गया। उसे घोड़ी पर बैठाकर पूरे मोहल्ले में घुमाया गया। बनवारे में रिश्तेदारों के साथ-साथ गांव के लोगों ने भी हिस्सा लिया। डीजे की धुन पर नाचते हुए लोगों ने इस पल को यादगार बना दिया। बनवारे के दौरान सभी ने इस अनोखे आयोजन की तारीफ की। रिश्तेदारों का कहना था कि इस तरह के आयोजन से समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
नेहा का रिश्ता करने में नहीं आई दिक्कत
नेहा के पिता ने बताया कि शादी के लिए रिश्ता ढूंढने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा, “दादा-दादी ने नेहा को इतने अच्छे संस्कार दिए हैं कि हर कोई उसे पसंद करता है। हमें उसके लिए एक अच्छा रिश्ता आसानी से मिल गया।” यह अनोखा बनवारा समाज में एक नई सोच को दर्शाता है। जहां दादा-दादी ने पोती को लड़के के समान सम्मान दिया, वहीं गांव के लोग भी इस पहल से प्रेरित नजर आए। इस आयोजन ने साबित किया कि लड़कियों को भी वही सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए जो लड़कों को मिलता है।
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